Here is thy footstool
And there rest thy feet
Where live the poorest,
And lowliest, and lost.
When I try to bow to
Thee, my obeisance
Cannot reach down to the
Depth where thy feet rest
Among the poorest,
And lowliest, and lost.
Pride can never
Approach to where
Thou walkest in the
Clothes of the humble.
Among the poorest,
And lowliest, and lost.
My heart can never
Find its way to where
Thou keepest company
With the companionless
Among the poorest,
And lowliest, and lost.
- Rabindranath Tagore
Hindi summary
कविता में टैगोर बात करते हैं कि कहां और कैसे वह भगवान को ढूंढ सकते हैं। वह कहते हैं कि भगवान उन लोगों के साथ रहते हैं जो यह सोचते हैं कि वह गरीब है, नीचे तबके के हैं और समाज में कहीं खो गए हैं। कवि कहते हैं कि अगर वह भगवान को ढूंढना चाहते हैं तो उसको ऐसे लोगों के पास जाना पड़ेगा पर उसका घमंड उसके रास्ते पर आ खड़ा होता है और इस कारण वे भगवान के पास जाने में असमर्थ हो जाता है। असलियत में यह बात यह है कि भगवान ऐसी अप्रिय जगह पाया जाता है और संपन्न लोग भगवान को ढूंढने का दर्द नहीं लेना चाहते हैं। वह अपने को गरीबों से ऊंचा मानते हैं और इसलिए वह भगवान को कभी नहीं ढूंढ पाते हैं क्योंकि उनके अंदर नम्रता की कमी है। वह कहते हैं भगवान उन लोगों के साथ है जो अकेले हैं और समाज में कहीं खो गए हैं और हम भगवान को कहीं और देखते रहते हैं।
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